1.... तुमको चाहा तो मोहब्बत की समझ आई... वरना हमने तो बस इश्क के अफसाने सुने थे...!!! 2.... ना कर खुद पर इतना गुमां-ए-चाँद, मेरे शहर की छत पर आज चाँद हजारो हैं !! 3... छोटा बनकर रहोगे तो मिलेगी हर रहमत.....
1........ क्या इतने अजनबी हो गये हैं हम... कि तेरे ख्यालों में भी नहीं आते...!!! 2...... करवटे बदलने का भी क्या फायदा... ना इस तरफ तुम, ना उस तरफ तुम... 3...... अच्छे हैं इस कदर के भुलाये नही जाते..... कुछ लोग धड़क...