सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

तुमको चाहा तो मोहब्बत की समझ आई... वरना हमने तो बस इश्क के अफसाने सुने थे...!!!

1....
तुमको चाहा तो मोहब्बत की समझ आई...
वरना हमने तो बस इश्क के अफसाने सुने थे...!!! 2....
ना कर खुद पर इतना गुमां-ए-चाँद,
मेरे शहर की छत पर आज चाँद हजारो हैं !!
3...
छोटा बनकर रहोगे तो मिलेगी हर रहमत....
बड़ा होने पर तो माँ भी गौद से उतार देती है ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तेरे लिये हम है जिये

सिसकियाँ लेता है वजूद मेरा गालिब, नोंच नोंच कर खा गई तेरी याद मुझे। -------------------------------------- इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ग़ालिब, कि लगाए न लगे और बुझाए न बने। -------------------------------------- बोसा देते नहीं और दिल पे ...

जिस्म छूने से मोहब्बत नही होती इश्क़ वो जज्बा है जिसे ईमान कहते है

...... #ख्वाहिश ? भले  #छोटी सी ? हो... लेकिन उसे  पुरा ?  करने के लिए  दिल ❤  #जिद्दी ? होना  चाहिए...!! मैंने लिख दिया जो ज़रूरी लगा तुम पढ़ लेना जो तुम्हें ज़रूरी लगे.... जिन्दगी.. जब भी लगा कि तु...

..........क्या इतने अजनबी हो गये हैं हम... कि तेरे ख्यालों में भी नहीं आते...!!!

1........ क्या इतने अजनबी हो गये हैं हम... कि तेरे ख्यालों में भी नहीं आते...!!! 2...... करवटे बदलने का भी क्या फायदा... ना इस तरफ तुम, ना उस तरफ तुम... 3...... अच्छे हैं इस कदर के भुलाये नही जाते..... कुछ लोग धड़क...