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एक तुम्हारी आरज़ू थी...वो भी अधूरी रह गयी...

      मोहब्बत का ही तो रंग ओढ़कर मैं खुशनुमा हूं,

       तुम ही तो हो मुझ में, मैं कहां हूँ...💕

   
     
मुझे वफ़ा की तलब है मगर हर इक से नहीं
कोई मिले मगर उस यार-ए-बेवफ़ा की तरह
~अहमद फ़राज़

प्लीज़ आ जाओ ना..तुम मेरे पास
सुना है ..❣
खुद से बाते करने वाले अक्सर..
पागल हो जाया करते है....

लौट के आ जाओ ना..
सुना है..❣
खुद से बाते करने वाले अक्सर..
पागल हो जाया करते है....❤😢

जो सपनों में खो जाते हैं,,,
उन्हें सुकून भरी नींद नहीं आती।

अव्वल तो मैं हूं नहीं
ग़र आख़िर में
लफ़्ज़-ए-मोहब्बत है
तो आख़िरी हूं मैं

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