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दिल टूटता है तो हँसना ही भूल जाते है

चेहरे की हँसी से गम को भुला दो,

कम बोलो पर सब कुछ बता दो,

खुद ना रूठो पर सबको हँसा दो,

यही राज है ज़िन्दगी का...

जियो और जीना सिखा दो।

अजीब तरह से गुजर गयी मेरी जिंदगी,

सोचा कुछ, किया कुछ, हुआ कुछ, मिला कुछ।

शम्मा परवाने को जलना सिखाती है,

शाम सूरज को ढलना सिखाती है,

क्यों कोसते हो पत्थरों को जबकि...

ठोकरें ही इंसान को चलना सिखाती हैं।

जिन्दगी लत है,

हर लम्हे से बेपनाह मोहब्बत है,

मुश्किल और सुकून की कशमकश में,

जिंदगी यूं ही जिये जाता हूँ...

ज़िंदादिली होती है जिन्दगी,

इश्क मे घुली होती है जिन्दगी,

तुमसे मिलने कि चाहत रखती है जिन्दगी,

लेकिन तक़दीर नही मिलने देती है जिन्दगी.

इतनी ठोकरे देने के लिए शुक्रिया ए ज़िन्दगी,

चलने का न सही सम्भलने का हुनर तो आ गया।

धूप और छाँव कि पतली लकीर पर खड़ा हूँ,

दोनों पार यादें हैं सपने हैं उम्मीदें हैं

और है बहता हुआ वक्त भी...।

यह ज़िन्दगी बस सिर्फ पल दो पल है,

जिसमें न तो आज और न ही कल है,

जी लो इस ज़िंदगी का हर पल इस तरह,

जैसे बस यही ज़िन्दगी का सबसे हसीं पल है।

जिंदगी भी तवायफ की तरह होती है,

कभी मज़बूरी में नाचती है कभी मशहूरी में।

यूँ ही खत्म हो जायेगा जा़म की तरह जिन्दगी का सफ़र,

कड़वा ही सही एक बार तो नशे में होकर इसे पिया जाये।

खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही,

ज़रा सी बात देर तक रूलाती रही,

कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,

ज़िंदगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।

हो के मायूस न यूं शाम से ढलते रहिये,

ज़िन्दगी भोर है सूरज सा निकलते रहिये,

एक ही पाँव पे ठहरोगे तो थक जाओगे,

धीरे-धीरे ही सही राह पे चलते रहिये।

आराम से तनहा कट रही थी तो अच्छी थी,

जिंदगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी ।

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