1 पल पल से बनता है एहसास, एहसास से बनता है विश्वास, विश्वास से बनते हैं कुछ रिश्ते, और उन रिश्तों से बनता है कोई खास।
2 मेरे दिल कि सरहद को पार न करना, नाजुक है दिल मेरा वार न करना, खुद से बढ़कर भरोसा है मुझे तुम पर, इस भरोसे को तुम बेकार न करना।
3 कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते, खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते, लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में, और हम थक गये मुस्कुराते मुस्कुराते.
4 कभी कभार ही सही, मिलने के बहाने चाहिए, इस दिल को यादों के आशियाने चाहिए , जिनसे हो जाती है ज़िन्दगी ज़न्नत मेरी, निगाहों को बस वो ही ठिकाने चाहिए.
5 चुपके से आकर इस दिल में उतर जाते हो, सांसों में मेरी खुशबु बन के बिखर जाते हो, कुछ यूँ चला है तेरे ‘इश्क’ का जादू, सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।
6 जब से देखा है तेरी आँखों मे झाक कर, कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता, तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए हैं दीवानें, तुम्हें कोई और देखें अच्छा नहीं लगता।
7 मोहब्बत तो हो ही गई है अब तो.. पर, अब उसी से ही ये छिपाना चाहता है। ये दिल अब किसी को पाना चाहता है, और उसे सिर्फ अपना बनाना चाहता है।।
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